वर्त्तमान कलियुग में 'राम' नाम की कैवल्य सत्ता का प्रवाह

श्री सम्प्रदाय

श्री लक्ष्मी जी

श्री पार्षद मुनि

श्री वोपदेव

श्री नाथ मुनि

श्री पुण्डरीकाक्ष

श्री राम मिश्र

श्री परांकुश

श्री यमुनाचार्य

श्री रामानुजाचार्य

श्री राघवानंद

श्री रामानंद जी

श्री भावानन्द - श्री नरहर्यानंद - श्री अनंतानंद जी - श्री सुरसुरानंद - श्री सुखानंद - पीपा जी - सेण - रैदास - कबीर - धन्ना सेठ - सुरसरि - पद्मावत्ती

श्री अनंतानंद जी

श्री कृष्णदास पयोहरी

अग्रदास जी

नाभादास जी (नारायणदास जी)

प्रेमभूरा जी

रामदास जी

छोटे नारायण दास

1.) संतदास जी

कील्हदेव जी

2.) प्रेमदास जी

कृपाराम जी

रामचरण जी

3.) श्री आदि आचार्य दरियाव जी

पूरणदास - नानगदास - टेमदास - धतुरदास - मनसाराम - 4.) किशनदास जी - सुखराम जी - हरकाराम जी

4.) किशनदास जी

मेघोदास जी - 5.) हरिदास जी - बुधराम जी

5.) हरिदास जी

6.) सांवलदास जी

वीरमदास जी महाराज - तेजाराम जी

7.) वीरमदास जी महाराज

8.)सतगुरु सुखराम जी

रणछोड़ दास जी - 9.) राघोदास जी - 10.) गिरधारी लाल जी

11.) सुखसारण जी

12.) कल्याण दास जी

13.) गुलाबदास जी

14.) श्री निर्भयराम जी

15.) दाता दयाल नीकाराम जी

16.) सतगुरु नारायण जी

Sources:

  1. नाभादास जी कृत श्री भक्तमाल
  2. डॉ. हरीश कुमार कृत रामस्नेही संत काव्य